UCC क्या है | UCC लागु होगा तो क्या होगा, यहाँ देखें पूरी जानकारी

UCC kya hai – दोस्तों अगर आप UCC के बारे में जानकारी लेना चाहते हैं की UCC क्या है, UCC का फुल फॉर्म क्या है। तो इस आर्टिकल में आपको UCC के बारे में पूरी जानकारी दी जाएगी – UCC kya hai

भारतीय संसद में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की UCC को लेकर दिए गए। बयान के बाद मुद्दा एक बार फिर से गरमा गया है। देश भर में इस मुद्दे को लेकर तीखी बहस चढ़ गई है। और तमाम विपक्षी दल इस मुद्दे को लेकर अपने-अपने तर्क वितर्क देकर नित नए सवाल उठा रहे हैं।

अगर आप भी उन लोगों में शामिल हैं। जिन्हें UCC को लेकर ज्यादा जानकारी नहीं है। तो अब आपको परेशान होने की कोई आवश्यकता नहीं है। आज के इस लेख में हम आपको UCC से जुड़ी हुई सभी जानकारियां देंगे।

हमारे Whatsapp ग्रुप में जुड़े Join Now
हमारे Telegram ग्रुप में जुड़े Join Now

UCC आखिर क्या है | UCC kya hai

यूनिफ़ॉर्म सिविल कोड यानी कि, एक देश और एक कानून। इसका आसान शब्दों में मतलब होता है कि देश के सभी कोनों में रहने वाले सभी नागरिकों के ऊपर कानून एक समान रहेगा। UCC लगने के बाद देश में बच्चे को गोद लेना, विवाह करना, तलाक लेना, संपत्ति के बंटवारे के सभी नियम सभी लोगों के लिए एक समान हो जाएंगे।

चूंकि सभी धर्मों के अलग अलग नियम और तौर-तरीके हैं और अगर UCC को मान्यता मिलती है। तो फिर देश के सभी नागरिकों को ये कानून मानने पड़ेंगे। फिलहाल भारत में कानून का पालन धर्म के आधार पर किया जाता है और UCC लगने के बाद धार्मिक कानून और तौर तरीकों का कोई महत्व नहीं होना चाहिए।

UCC क्या है

  • विवाह, तलाक, गोद लेने और संपत्ति मैं सभी के लिए एक नियम होगा
  • परिवार के सदस्यों के आपसी संबंध और अधिकारों में एक ही समानता रहेगा
  • जाति, धर्म या परंपरा के आधार पर नियमों में कोई भी बदलाव नहीं होगा
  • किसी भी धर्म विशेष के लिए कोई भी नियम नहीं बदलेगा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान के बाद शुरू हुई थी बहस

यूनिफ़ॉर्म सिविल कोड को लेकर पिछले कुछ समय से देश के अंदर एक ज्वाला भड़की हुई है। और देश इस मुद्दे को लेकर दो पक्षों में बंट गया है। UCC को लेकर साल 2023 में देश की संसद में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने बयान दिया था। और इस बयानबाजी के बाद मुद्दे ने तूल पकड़ लिया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस बयान के बाद विपक्ष ने उन्हें आड़े हाथों लेने का प्रयास किया था। और विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए नरेंद्र मोदी ने कहा था कि, आखिरकार एक देश में दोहरी व्यवस्था कैसे रह सकती है?

पीएम मोदी ने इसके बाद संविधान का हवाला देते हुए कहा था कि, भारतीय संविधान में सभी नागरिक एक समान और इसी वजह से देश में UCC की आवश्यकता है।

ऐसे में सत्तारूढ़ पार्टी बीजेपी ने तुष्टीकरण और वोट बैंक की राजनीति को साइड लाइन करते हुए संतुष्टिकरण की राजनीति करने का फैसला किया है और इस खबर को सुनने के बाद सभी विपक्षी दलों में घबराहट बढ़ गई है और UCC का मुद्दा एक बार फिर से मुख्य चर्चा का केंद्र बिन्दु बन गया है।

UCC गोवा में लागू है।

गोवा देश का इकलौता राज्य है जहाँ पर UCC को मान्यता मिली हुई है, गोवा को हमारे देश के संविधान में विशेष दर्जा दिया गया है और यहाँ पर UCC के मॉडल को गोवा सिविल कोड के नाम से जाना जाता है। गोवा में हिन्दू, सिख, ईसाई, मुस्लिम और सभी जातियों के लिए एक ही फैमिली लॉ है, इस कानून के आधार पर गोवा में ट्रिपल तलाक को मान्यता नहीं प्राप्त है। और अगर कोई ऐसा करता है। तो उसके खिलाफ वैधानिक कारवाई हो सकती है।

हमारे Whatsapp ग्रुप में जुड़े Join Now
हमारे Telegram ग्रुप में जुड़े Join Now

गोवा के अंदर रजिस्ट्रेशन कराए बिना कोई भी विवाह मान्य नहीं रहता है और इसके साथ ही रजिस्ट्रेशन के माध्यम से की गई शादी का ट्रिपल तलाक नहीं हो सकता है। गोवा में मुस्लिम समुदाय को 4 शादियों की अनुमति नहीं है लेकिन कुछ स्पेशल शर्तों के साथ हिंदुओं को 2 विवाह की अनुमति दी जा रही है।

UCC Full Form | UCC Full Form in Hindi

उच्च का फुल फॉर्म Uniform Civil Code (UCC ) होता है और यह एक कानून है जिसके तहत सभी नागरिकों को समान अधिकार होना चाहिए चाहे वह, कानून चाहे किसी को अधिकार देना हो, या किसी धर्म के ऊपर बात करना हो ठीक है सभी नागरिकों को समान अधिकार है।

UCC भारत में क्यों नहीं लागू हो पा रहा है

भारतीय इतिहास में UCC का पहला जिक्र साल 1835 में ब्रिटिश काल के दौरान किया गया था और उस समय ब्रिटिश हुकूमत ने कहा था। कि भारत एक सेक्युलर देश है। और यहाँ पर अपराधियों को उचित सजा देने के लिए हमें एक ऐसा कानून बनाने की जरूरत है जो सभी के ऊपर समान रूप से लागू हो सके।

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 44 में भी सभी भारतीय नागरिकों के लिए समान कानून के लिए बात की गई है लेकिन इसके बावजूद भी भारत में UCC को लागू नहीं किया जा सकता है। और इसके पीछे की वजह भारतीय संस्कृति में विविधता है।

आसान उदाहरण के तौर पर आप इसे ऐसे समझ सकते हैं जैसे एक घर में कई सदस्य होते हैं और हर एक सदस्य अपने अलग नियमों को मानता है, भारत एक हिन्दू बाहुल्य देश है। और देश के हर एक कोने में रहने वाले हिन्दू अपने अलग-अलग तौर तरीकों को मानते हैं। इसी प्रकार से देश में रहने वाले अन्य धर्म के लोग भी अपने अलग-अलग तौर तरीकों को मानते हैं। अगर देश मे UCC को लागू कर दिया जाता है तो सभी प्रकार के धार्मिक नियम और कानून स्वयं ही समाप्त हो जाएंगे।

पहले भी UCC को लेकर मांगी जा चुकी है राय

यह कोई पहली मर्तबा नहीं है जब UCC को लेकर देश में खलबली मची हुई है। साल 2016 में विधि आयोग ने भी UCC को लेकर अपनी राय मांगी थी। इसके बाद आयोग ने साल 2018 में अपनी रिपोर्ट पेश की और उस रिपोर्ट में साफ तौर पर बताया गया था कि “भारत जैसे देश में UCC की कोई आवश्यकता नहीं है”।

दुनियाभर में लागू है

ऐसा नहीं है कि, UCC को लेकर सिर्फ और सिर्फ भारत में ही बात चल रही है दुनिया भर में ऐसे कई देश मौजूद हैं जहां पर UCC लागू है। अगर बात की जाए UCC को लागू करने वाले देशों के बारे में तो इस लिस्ट में अमेरिका, बांग्लादेश, पाकिस्तान, आयरलैंड, बांग्लादेश, इंडोनेशिया, मलेशिया, तुर्की, मिस्र जैसे देश शामिल हैं।

इसके अलावा भी कई ऐसे देश हैं जहाँ पर UCC को लेकर विचार चल रहा है वहीं यूरोप में भी कई ऐसे देश हैं जहाँ पर UCC लागू है। जबकि कई ऐसे इस्लामिक देश हैं जहाँ पर शरिया कानून लागू है।

हमें उम्मीद है कि, आपको यह लेख पसंद आया होगा, आप अगला आर्टिकल किस टॉपिक में चाहते हैं हमें कमेन्ट के माध्यम से बताइए और साथ ही इस आर्टिकल को ज्यादा से ज्यादा शेयर जरूर करें।

UCC क्यों जरूरी है?

उच्च इसलिए भी जरूरी होता है कि बहुत सारे लोग कहते हैं। कि मैं इस जाति से हूं और मुझे इस चीज का लाभ नहीं मिल रहा है। या मैं इस जाति से हूं मुझे यहां पर जाने की अनुमति नहीं है। इसलिए UCC को देखते हुए यह कानून लाया गया। ताकि सभी लोगों को समान अधिकार मिल सके

इस कानून का मकसद है। किसी से कोई भी भेदभाव नहीं करना। और आपको बता दें UCC अगर हमारे भारत में लागू होता है। तो सभी धर्म के लोगों को या सभी जाति के लोगों को सभी चीजों में उसको समान अधिकार मिलेगा। चाहे वह कोई फायदा हो। चाहे वह नुकसान हो और आपको बता दें सभी देशों में UCC लागू है।

लेकिन हमारे भारत में लागू नहीं है। क्योंकि भारत सरकार ने कहा है। कि UCC हमारे भारत में कोई भी जरूरी नहीं है। क्योंकि हमारा भारत में सभी लोगों को समान अधिकार मिलता है। लेकिन आपको बता दें। यह बिल्कुल भी सच नहीं है अभी के समय में भी भेदभाव क्या जा रहा है। और आपको यह भी बता दूं कि UCC सिर्फ गोवा में लागू है।

  • UCC के तहत शादी, तलाक, संपत्ति, गोद लेने समान कानून में रहेगा
  • हर धर्म में शादी, तलाक के लिए एक ही कानून बना रहेगा
  • जो कानून हिंदुओं के लिए, वहीं दूसरे धर्म के लिए भी होगा
  • बिना तलाक के एक से ज्यादा शादी नहीं कर पाएंगे
  • शरीयत के मुताबिक जायदाद का बंटवारा नहीं होगा

UCC क्या है अंतिम शब्द

दोस्तों हमने आपको इस आर्टिकल के माध्यम से पूरी जानकारी दे दिया है कि UCC क्या है। उच्च के बारे में पूरी जानकारी हमने आपको इस आर्टिकल के माध्यम से दे दिए हैं अगर आपके उच्च के बारे में कोई भी जानकारी पसंद आया है तो आप कमेंट में लिख सकते हैं

UCC क्या है FAQ

Q : UCC का मतलब क्या होता है?

Ans : UCC का मतलब होता है कि सभी लोगों को सभी चीजों पर समान अधिकार है चाहे हुआ सजा मिलने के मामले में हो चाहे वह किसी सरकारी लाभ मिलने के मामले में हो सभी लोग इसके एक समान अधिकार रखते हैं

Q : समान नागरिक संहिता से क्या लाभ है?

Ans : सभी लोगों को सभी चीजों में सम्मान अधिकार मिलना। किसी से कोई भी भेदभाव नहीं करना।

Q : यूनिफॉर्म सिविल कोड कब लागू हुआ?

Ans : भारत में उच्च लागू नहीं है लेकिन आपको बता दें। इसका पहला प्रथम चर्चा 1835 ईस्वी में हुआ था।

Q : भारत में किस राज्य में समान नागरिक संहिता है?

Ans : भारत में सिर्फ गोवा में समान नागरिक संहिता लागू है।

Q : समान नागरिक संहिता किस देश में है?

Ans : आपको बता दें भारत को छोड़कर सभी देशों में समान नागरिक संहिता लागू है। मतलब की सभी देशों में UCC लागू है।

Q : समान नागरिक संहिता की आवश्यकता क्यों है?

Ans : समान नागरिक संहिता इसलिए जरूरी है ताकि सभी लोगों को समान अधिकार मिल सके कोई या नहीं कर सके। मैं इस जाति से हूं और मुझे इस चीज का लाभ नहीं मिल पा रहा है।

Leave a Comment