20+ Famous Desh Bhakti Kavita | देशभक्ति कविता

Famous Desh Bhakti Kavita – दोस्तों अगर आप देशभक्ति कविता ढूंढ रहे हैं। तो इस आर्टिकल में आपको कई सारी देशभक्ति कविता देखने के लिए मिलेगा जो कि आप इसे याद करके अपने स्कूल या कॉलेज में या कहीं और पर इसको गा सकते हैं। क्योंकि यह कविता काफी शानदार है और काफी फेमस है इसलिए आप देशभक्ति कविता को याद कर सकते हैं।

तो चलिए हम जानते हैं इस देशभक्ति कविता में आपको कौन-कौन सी कविताएं मिलने वाले हैं। तो आपको बता दें दोस्तों यह देशभक्ति कविता अपने कहीं ना कहीं सुना होगा और यह काफी शानदार है तो अगर आप इस कविता को गाते हैं तो आप काफी अच्छा महसूस करेंगे।

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Desh Bhakti Poems in Hindi

स्वतन्त्रता दिवस (हरिवंशराय बच्चन)

आज से आजाद अपना देश फिर से!

ध्यान बापू का प्रथम मैंने किया है,
क्योंकि मुर्दों में उन्होंने भर दिया है
नव्य जीवन का नया उन्मेष फिर से!
आज से आजाद अपना देश फिर से!

दासता की रात में जो खो गये थे,
भूल अपना पंथ, अपने को गये थे,
वे लगे पहचानने निज वेश फिर से!
आज से आजाद अपना देश फिर से!

स्वप्न जो लेकर चले उतरा अधूरा,
एक दिन होगा, मुझे विश्वास, पूरा,
शेष से मिल जाएगा अवशेष फिर से!
आज से आजाद अपना देश फिर से!

देश तो क्या, एक दुनिया चाहते हम,
आज बँट-बँट कर मनुज की जाति निर्मम,
विश्व हमसे ले नया संदेश फिर से!
आज से आजाद अपना देश फिर से!

20+ Famous Desh Bhakti Kavita | देशभक्ति कविता

Hindi desh bhakti kavita | प्यारा हिंदुस्तान है देशभक्ति कविता

अमरपुरी से भी बढ़कर के जिसका गौरव-गान है-
तीन लोक से न्यारा अपना प्यारा हिंदुस्तान है।
गंगा, यमुना सरस्वती से सिंचित जो गत-क्लेश है।
सजला, सफला, शस्य-श्यामला जिसकी धरा विशेष है।
ज्ञान-रश्मि जिसने बिखेर कर किया विश्व-कल्याण है-
सतत-सत्य-रत, धर्म-प्राण वह अपना भारत देश है।

यहीं मिला आकार ‘ज्ञेय’ को मिली नई सौग़ात है-
इसके ‘दर्शन’ का प्रकाश ही युग के लिए विहान है।

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वेदों के मंत्रों से गुंजित स्वर जिसका निर्भ्रांत है।
प्रज्ञा की गरिमा से दीपित जग-जीवन अक्लांत है।
अंधकार में डूबी संसृति को दी जिसने दृष्टि है-
तपोभूमि वह जहाँ कर्म की सरिता बहती शांत है।
इसकी संस्कृति शुभ्र, न आक्षेपों से धूमिल कभी हुई-
अति उदात्त आदर्शों की निधियों से यह धनवान है।।

योग-भोग के बीच बना संतुलन जहाँ निष्काम है।
जिस धरती की आध्यात्मिकता, का शुचि रूप ललाम है।
निस्पृह स्वर गीता-गायक के गूँज रहें अब भी जहाँ-
कोटि-कोटि उस जन्मभूमि को श्रद्धावनत प्रणाम है।
यहाँ नीति-निर्देशक तत्वों की सत्ता महनीय है-
ऋषि-मुनियों का देश अमर यह भारतवर्ष महान है।

क्षमा, दया, धृति के पोषण का इसी भूमि को श्रेय है।
सात्विकता की मूर्ति मनोरम इसकी गाथा गेय है।
बल-विक्रम का सिंधु कि जिसके चरणों पर है लोटता-
स्वर्गादपि गरीयसी जननी अपराजिता अजेय है।
समता, ममता और एकता का पावन उद्गम यह है
देवोपम जन-जन है इसका हर पत्थर भगवान है।

-डॉ. गणेशदत्त सारस्वत

20+ Famous Desh Bhakti Kavita | देशभक्ति कविता

Desh bhakti kavita hindi mein | तराना-ए-बिस्मिल देशभक्ति कविता

बला से हमको लटकाए अगर सरकार फांसी से,
लटकते आए अक्सर पैकरे-ईसार फांसी से।

लबे-दम भी न खोली ज़ालिमों ने हथकड़ी मेरी,
तमन्ना थी कि करता मैं लिपटकर प्यार फांसी से।

खुली है मुझको लेने के लिए आग़ोशे आज़ादी,
ख़ुशी है, हो गया महबूब का दीदार फांसी से।

कभी ओ बेख़बर तहरीके़-आज़ादी भी रुकती है?
बढ़ा करती है उसकी तेज़ी-ए-रफ़्तार फांसी से।

यहां तक सरफ़रोशाने-वतन बढ़ जाएंगे क़ातिल,
कि लटकाने पड़ेंगे नित मुझे दो-चार फांसी से।

20+ Famous Desh Bhakti Kavita | देशभक्ति कविता

Short desh bhakti kavita | गतिमय विशाल हिम चन्द्रभाल देशभक्ति कविता

गतिमय विशाल हिम चन्द्रभाल,
सतरंग थाल सम रस रत है।
आ रही पुकार नित बार-बार ,
वह जगत जयत जय भारत है।

निश्छल प्रतीति,रस छन्द रीति,
सहित्य प्रीति छवि छलकत है।
निर्वेद मुक्त सत्कीर्ति युक्त,
वह जगत जयत जय भारत है।

अविचल सुशील,कंचन सी झील,
विध विध सुरील स्वर मोहत हैं।
संस्कृति के टील,हैं मील -मील ,
वह जगत जयत जय भारत है।

20+ Famous Desh Bhakti Kavita | देशभक्ति कविता

आज़ादों का गीत देशभक्ति कविता

हम ऐसे आज़ाद, हमारा
झंडा है बादल!

चांदी, सोने, हीरे, मोती
से सजतीं गुड़ियाँ,
इनसे आतंकित करने की बीत गई घड़ियाँ,

इनसे सज-धज बैठा करते
जो, हैं कठपुतले।
हमने तोड़ अभी फैंकी हैं
बेड़ी-हथकड़ियाँ,

परम्परा पुरखों की हमने
जाग्रत की फिर से,
उठा शीश पर हमने रक्खा
हिम किरीट उज्जवल!
हम ऐसे आज़ाद, हमारा
झंडा है बादल!

चांदी, सोने, हीरे, मोती
से सज सिंहासन,
जो बैठा करते थे उनका
खत्म हुआ शासन,

उनका वह सामान अजायब-
घर की अब शोभा,
उनका वह इतिहास महज
इतिहासों का वर्णन,

नहीं जिसे छू कभी सकेंगे
शाह लुटेरे भी,
तख़्त हमारा भारत माँ की
गोदी का शाद्वल!
हम ऐसे आज़ाद, हमारा
झंडा है बादल!

चांदी, सोने, हीरे, मोती
से सजवा छाते
जो अपने सिर पर तनवाते
थे, अब शरमाते,

फूल-कली बरसाने वाली
दूर गई दुनिया,
वज्रों के वाहन अम्बर में,
निर्भय घहराते,

इन्द्रायुध भी एक बार जो
हिम्मत से औड़े,
छ्त्र हमारा निर्मित करते
साठ कोटि करतल।
हम ऐसे आज़ाद, हमारा
झंडा है बादल!

चांदी, सोने, हीरे, मोती
का हाथों में दंड,
चिन्ह कभी का अधिकारों का
अब केवल पाखंड,

समझ गई अब सारी जगती
क्या सिंगार, क्या सत्य,
कर्मठ हाथों के अन्दर ही
बसता तेज प्रचंड,

जिधर उठेगा महा सृष्टि
होगी या महा प्रलय,
विकल हमारे राज दंड में
साठ कोटि भुजबल!
हम ऐसे आज़ाद, हमारा
झंडा है बादल!

20+ Famous Desh Bhakti Kavita | देशभक्ति कविता

Desh bhakti geet | गुन-गुन करता आया भंवरा देशभक्ति कविता

गुन-गुन करता आया भंवरा,छेडे इक ही तान
विजयी विश्व तिरंगा प्यारा,है हम सब की शान
मिली विरासत में आजादी,कीमत इसकी जाने
अमर शहीदों से श्रध्दा से,मिलकर शीश झुकाये
हँसते-हँसते देश के खातिर,दे दी अपनी जान
विजयी विश्व तिरंगा प्यारा,है हम सब की शान
आओ हम सब मिलके,काम बडा़ कर जाये
अपने प्यारे हिन्दोस्तां को,जग में श्रष्ठ बनाये
देश की उन्नति से ही होगा,हम सबका उत्थान
विजयी विश्व तिरंगा प्यारा,है हम सब की शान।

Desh bhakti shayari | अनेकता मै भी एकता थी देशभक्ति कविता

अनेकता मै भी एकता थी,
यही भारतियों की शान है।
कितने वीरो ने वीरगति प्राप्त करली
इसिलिए तो वह हर भरतीय के लिये,
महान है।
बिना अहिंसा के भी पिता की छाया मै,
अजादी प्राप्त करली इसलिये
तो भारत मेरी जान है।
उन वीरो पर सभी को मान,
उन सब की राह पर चलने मै
ही सबका कल्यान है।
इफरा क़ुरेशी

desh bhakti kavita for class 1

Desh bhakti kavita | देश को तो तुम अपना कहते हो देशभक्ति कविता

देश को तो तुम अपना कहते हो
पर क्या इस बात को अपने दिल में रखते हो
कश्मीर की वादियों के हक के लिए तुम लड़ते हो
पर क्या कभी सरहद पर खड़े सिपाहियों की भी चिंता करते हो
तुम स्वतंत्रता के गीत तो गाते बहुत हो पर
क्या तुम कभी शहीद संग्रामियो के लिए भी नतमस्तक हो जाते हो

झंडा तो तुम हर साल फहराते हो पर
क्या किसी और दिन भी झंडा उठाकर अपने दिल से लगाते हो
कहते हैं जन गण मन तो हमारी शान है पर
थिएटर में इसको गाना भी तो एक इम्तिहान है

स्वतंत्रता तो शहीदों के खून में लिपटी इनाम है पर
इसको संरक्षित रखना हर एक भारतवासी का काम है
खूब लड़ी मर्दानी वाली रानी पर गर्व तो बड़ा बताते हो पर
क्या समाज से पीड़ित औरत के हक के लिए लड़ जाते हो
स्वदेशी स्वदेशी तो जोर जोर से चिल्लाते हो फिर
इट्स नोट गुड बोलकर आगे क्यों निकल जाते हो

गंगा में तो तुम पाप धोने जाते हो फिर
क्यों उसे ही गंदा कर आते हो
स्वच्छ भारत लक्ष्य को तो तुम अपना बताते हो
फिर सडकों पर कचरा पड़ा देखकर आगे क्यों बढ़ जाते हो
फेसबुक पर स्वतंत्रता दिवस के पोस्ट तो सब डालते है पर
क्या तुम स्वतंत्रता का सही मतलब भी जानते हो
यह महज एक सवाल नहीं है जिस दिन खुद से इनका जवाब मागोगे
उस दिन एक अलग ही देशभक्त बन जाओगे

Desh bhakti geet in hindi | शहीद की माँ देशभक्ति कविता

इसी घर से
एक दिन
शहीद का जनाज़ा निकला था,
तिरंगे में लिपटा,
हज़ारों की भीड़ में।
काँधा देने की होड़ में
सैकड़ो के कुर्ते फटे थे,
पुट्ठे छिले थे।
भारत माता की जय,
इंकलाब ज़िन्दाबाद,
अंग्रेजी सरकार मुर्दाबाद
के नारों में शहीद की माँ का रोदन
डूब गया था।
उसके आँसुओ की लड़ी
फूल, खील, बताशों की झडी में
छिप गई थी,
जनता चिल्लाई थी-
तेरा नाम सोने के अक्षरों में लिखा जाएगा।
गली किसी गर्व से
दिप गई थी।

इसी घर से
तीस बरस बाद
शहीद की माँ का जनाजा निकला है,
तिरंगे में लिपटा नहीं,
(क्योंकि वह ख़ास-ख़ास
लोगों के लिये विहित है)
केवल चार काँधों पर
राम नाम सत्य है
गोपाल नाम सत्य है
के पुराने नारों पर;
चर्चा है, बुढिया बे-सहारा थी,
जीवन के कष्टों से मुक्त हुई,
गली किसी राहत से
छुई छुई।

20+ Famous Desh Bhakti Kavita | देशभक्ति कविता

Desh bhakti poem in hindi | जन गण मन देशभक्ति कविता

जन गण मन अधि नायक जय हे!
भारत भाग्य विधाता
पंजाब सिंध गुजरात मराठा,
द्राविण उत्कल बंग।

विंध्य हिमाचल यमुना गंगा,
उच्छल जलधि तरंग
तव शुभ नामे जागे,
तव शुभ आशिष मागे,
गाहे तव जय-गाथा।

जन-गण-मंगलदायक जय हे!
भारत भाग्य विधाता।
जय हे! जय हे! जय हे!
जय जय जय जय हे!

Desh bhakti poem | चल तू अकेला देशभक्ति कविता

तेरा आह्वान सुन कोई ना आए, तो तू चल अकेला,
चल अकेला, चल अकेला, चल तू अकेला!
तेरा आह्वान सुन कोई ना आए, तो चल तू अकेला,
जब सबके मुंह पे पाश..

ओरे ओरे ओ अभागी! सबके मुंह पे पाश,
हर कोई मुंह मोड़के बैठे, हर कोई डर जाय!
तब भी तू दिल खोलके, अरे! जोश में आकर,
मनका गाना गूंज तू अकेला!

जब हर कोई वापस जाय..
ओरे ओरे ओ अभागी! हर कोई बापस जाय..
कानन-कूचकी बेला पर सब कोने में छिप जाय…

Desh bhakti par geet | जय जय प्यारा, जग से न्यारा देशभक्ति कविता

जय जय प्यारा, जग से न्यारा,
शोभित सारा, देश हमारा,
जगत-मुकुट, जगदीश दुलारा
जग-सौभाग्य सुदेश!
जय जय प्यारा भारत देश।

प्यारा देश, जय देशेश,
जय अशेष, सदस्य विशेष,
जहाँ न संभव अध का लेश,
केवल पुण्य प्रवेश।
जय जय प्यारा भारत देश।

स्वर्गिक शीश-फूल पृथ्वी का,
प्रेम मूल, प्रिय लोकत्रयी का,
सुललित प्रकृति नटी का टीका
ज्यों निशि का राकेश।
जय जय प्यारा भारत देश।

जय जय शुभ्र हिमाचल शृंगा
कलरव-निरत कलोलिनी गंगा
भानु प्रताप-चमत्कृत अंगा,
तेज पुंज तपवेश।
जय जय प्यारा भारत देश।

जगमें कोटि-कोटि जुग जीवें,
जीवन-सुलभ अमी-रस पीवे,
सुखद वितान सुकृत का सीवे,
रहे स्वतंत्र हमेश
जय जय प्यारा भारत देश।

Desh bhakti kavita in hindi | हरी भरी धरती हो कमलेश कुमार दीवान देशभक्ति कविता

हरी भरी धरती हो
नीला आसमान रहे
फहराता तिरँगा,
चाँद तारों के समान रहे।
त्याग शूर वीरता
महानता का मंत्र है
मेरा यह देश
एक अभिनव गणतंत्र है

शांति अमन चैन रहे,
खुशहाली छाये
बच्चों को बूढों को
सबको हर्षाये

हम सबके चेहरो पर
फैली मुस्कान रहे
फहराता तिरँगा चाँद
तारों के समान रहे।

20+ Famous Desh Bhakti Kavita | देशभक्ति कविता

Desh bhakti par kavita | आओ बच्चों तुम्हें सुनाऊं देशभक्ति कविता

आओ बच्चों तुम्हें सुनाऊं,
गाथा वीर जवानों की l
हंसते-हंसते आजादी के लिए सीने पर गोली खाई,
एक मां के बेटे ने देश के लिए अपनी जान गवाई l

दिलाई आजादी देश को शान से ,
वीर शहीदों ने अपने बलिदान से l
तैनात है वह हर जगह लेने दुश्मन के और देने अपने प्राण,
गुलामी की जंजीरों से दिलाई आजादी हो कुर्बान ll

इस आजादी की बेला में हम तिरंगा लहराते हैं,
आओ सब मिलकर देश के वीरों के लिए भारत मां को शीश झुकाते हैं l

स्वतंत्रता दिवस देश की शान है,
वीर जवान मेरे देश का अभिमान है

Desh bhakti geet hindi | बढ़ा कदम देशभक्ति कविता

बढ़ा कदम, बढ़ा कदम
जब तक है दम

आखिरी बूंद रक्त की काम आये
वतन के, जब तक है दम
ना कभी रुकें,ना कभी झुकेंं
अपनी आन पर मिटें,अपनी शान पर मिटें
मिट गए तो क्या ? लेंगे एक और जनम
बढा़ कदम बढा़ कदम जब तक है दम

हौंंसले बुलंद हों,रगों में आग ज्वलंत हो
आए दुश्मन तो काट उसका सर
बढ़ा कदम बढा़ कदम,ऐ जान ए वतन

तूफां की कश्ती हो या सामने मौत हसती हो
मिटाकर तू काल का भय,हो विकराल काल सम
बढ़ा कदम बढ़ा कदम जब तक है दम

Desh Bhakti kavita in hindi

मेरा देश, मेरी मातृभूमि,
तू है मेरे दिल की धड़कन,
तू है मेरे जीवन का आधार,
तू है मेरे लिए वरदान।

तेरी मिट्टी में है गंगा,
तेरी वायु में है चंदन,
तेरी हरियाली में है उमंग,
तेरी धरती में है अमृत।

तेरे वीरों ने कुर्बानियां दीं,
तेरे लिए लड़े, मर मिटे,
तेरी आजादी के लिए,
तेरे लिए शान्ति के लिए।

मैं तेरा बेटा, मैं तेरा बेटी,
मैं तेरा सच्चा नागरिक,
मैं तेरे लिए जीना चाहता हूं,
मैं तेरे लिए मरना चाहता हूं।

जय हिंद

यह कविता भारत के देशभक्ति का एक भावपूर्ण वर्णन है। यह कविता भारत की प्राकृतिक सुंदरता, उसके समृद्ध इतिहास और संस्कृति, और उसके वीर योद्धाओं के बलिदान की प्रशंसा करती है। कवि भारत के प्रति अपने प्रेम और समर्पण को भी व्यक्त करता है।

यह कविता आजादी के दिन, गणतंत्र दिवस या अन्य राष्ट्रीय अवसरों पर पढ़ी जा सकती है। यह भारत के नागरिकों को अपने देश के प्रति प्रेम और सम्मान की भावना विकसित करने में मदद कर सकती है।

Desh bhakti slogan | भारत माता देशभक्ति कविता

हे भारत माता, तू है मेरी माँ,
तेरे सीने में है मेरा प्राण।
तेरे कदमों में है मेरी शान,
तेरे चरणों में है मेरा मान।

तेरी धरती है पवित्र,
तेरी हवा है शुद्ध।
तेरे नदियाँ हैं पवित्र,
तेरी पर्वतमाला है रुद्र।

तेरे फूलों में है सुगंध,
तेरे फलों में है रस।
तेरे पक्षियों में है सुर,
तेरे पशुओं में है विश्वास।

तेरे बेटे हैं वीर,
तेरी बेटियाँ हैं सुंदर।
तेरा इतिहास है गौरवशाली,
तेरा भविष्य है उज्ज्वल।

हे भारत माता, तू है मेरी माँ,
तेरे लिए मैं हूँ कुर्बान।
तेरे लिए मैं हूँ जान,
तेरे लिए हूँ मैं प्राण।

Desh bhakti ke geet | देशभक्ति कविता

देशभक्ति है एक भाव,
जो दिल में बसता है।
जो देश के लिए मर मिटने को तैयार है,
उसे ही देशभक्त कहा जाता है।

देशभक्ति है एक कर्तव्य,
जो हर नागरिक का है।
जो देश की रक्षा करता है,
उसे ही देशभक्त कहा जाता है।

देशभक्ति है एक भावना,
जो देश के लिए सम्मान और गर्व का भाव पैदा करती है।
जो देश के विकास में अपना योगदान देता है,
उसे ही देशभक्त कहा जाता है।

Desh bhakti geet list | भारत के वीरों को नमन देशभक्ति कविता

भारत के वीरों को नमन,
जिन्होंने देश की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया।
जिन्होंने देश की आजादी के लिए संघर्ष किया,
और देश को स्वतंत्रता दिलाई।

भारत के वीरों को नमन,
जिन्होंने देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी।
जिन्होंने देश को आतंकवाद से बचाया,
और देश की शान को बढ़ाया।

भारत के वीरों को नमन,
जिन्होंने देश की उन्नति के लिए अपना जीवन समर्पित किया।
जिन्होंने देश को एक विकसित देश बनाया,
और देश की प्रतिष्ठा को विश्व में ऊंचा किया।

Shayari Desh Bhakti | मेरा भारत महान देशभक्ति कविता

मेरा भारत महान,
मेरे भारत का मान।
मेरे भारत की शान,
मेरे भारत का नमन।

मेरे भारत की धरती,
पवित्र और शुद्ध।
मेरे भारत की हवा,
ताज़ी और निर्मल।

मेरे भारत के लोग,
सच्चे और ईमानदार।
मेरे भारत का इतिहास,
गौरवशाली और महान।

मेरा भारत महान,
मेरे भारत का मान।
मेरे भारत की शान,
मेरे भारत का नमन।

poem on desh bhakti in hindi – ये कुछ देशभक्ति की कविताएँ हैं। ये कविताएँ देशभक्ति की भावना को व्यक्त करती हैं। ये कविताएँ हमें देशभक्ति की प्रेरणा देती हैं।

दोस्तों हमने आपको इस आर्टिकल में कई सारे देशभक्ति कविताएं दिए हैं जो कि आप इनको याद कर सकते हैं और अपने स्पीच में ऐड कर सकते हैं अगर आपका ही पर भी अपना भाषा देने की सोच रहे हैं तो यह कविताएं आपके लिए श्रेष्ठ होने वाली है

इसलिए आप इस कविता को यहां से लिखकर याद कर सकता है और अपने भाषण में जोड़ सकते हैं जो कि यह कविता काफी शानदार है

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